36th Annual Report (2023-24) - HINDI

70 खगोलिव ान, खगोलभौितकी एवं ांडिव ान पर शै िणक कायशाला: सट फ कॉलेज, िद ी िव िव ालय “ पेडागॉिजक वकशॉप ऑन ए ोनॉमी, ए ोिफिज एंड कॉ ोलॉजी" नामक पाँच िदवसीय कायशाला का आयोजन भारत के उ री भाग म पूव ातक छा ो ंको खगोलिव ान एवं खगोलभौितकी पढ़ाने वाले िश को ंके िलए 6 से 10 नवंबर 2023 के दौरान िकया गया। कायशाला का आयोजन सट ीफ महािव ालय म िश को ंहेतु खगोलिव ान क , मालवीय िमशन िश क िश ण क , आयुका, पुणे एवं भौितकी िवभाग, सट ीफ महािव ालय, िद ी िव िव ालय ारा संयु प से िकया गया था। लगभग 30 िश क एवं 15 िवशेष ो ंने कायशाला म उप थित दशायी।कायशाला का उद्घाटन सट ीफ महािव ालय के िं िसपल ने िकया और दीपांकर भ ाचाय, अशोका िव िव ालय, ने उद्घाटन ा ान िदया। कायशाला के मु उे कुछ इस कार थे: (i) ऐसी अिभनव अ ापन प ितयो ंएवं कायनीितयो ंकी खोज करना िजनके कारण खगोलिव ान और खगोलभौितकी के े म छा अ यन अनुभवो ंम सुधार िकया जा सकता है, (ii) खगोलिव ान, खगोलभौितकी के मुख े ो ंम मु संक नाओ ंके िवषय संबंिधत ान को अिधक िवृ त बनाना, (iii) ऐसी संसाधन साम ी िवकिसत करना िजसका उपयोग िश क अपने िश ण संबंधी काय को बढ़ाने और भावी प से अपने छा ो ंको काम म लगाने के िलए कर सक, (iv) िश को ंको ावहा रक उपकरणो ंएवं ायोिगक गितिविधयो ंके साथ स त करना तािक वे उनका उपयोग क ाओ ंम कर सक, छा ो ंके बीच सि य अ यन और आलोचना क सोच को ो ाहन द। िवषयो ंम तारे एवं तारकीय िमक िवकास, ब - संदेशवाहक खगोलिव ान, खगोलीय योग, आकाशगंगाएँ और सि य गांगेय नािभक, ए -रे खगोलिव ान, प स एवं रेिडयो खगोलिव ान, अिद पदाथ, ांडीय दूरी की सीढ़ी और ांडिव ान, शािमल थे। कायशाला म े क िदवस ायोिगक स होते थेऔर िश क ितभािगयो ंारा ु तीकरण िदए जाते थे। िवशेष ो ंके प म दीपांकर भ ाचाय और िफिलप चे रयन ( अशोका िव िव ालय),टी.आर.शेषाि और दशन बेिनवाल (िद ी िव िव ालय), अ बेरी (आईआईएसईआर मोहाली), चेतना जैन (हंसराजकॉलेज), सुि त िसंह (आईआईटी िद ी), मेन पाल ( ी वकटे रा कॉलेज), दीपक जैन (दीन दयाल उपा ाय कॉलेज), गीतांजली सेठी, अ य राणा, ुित ठाकूर और सािनल उ ीकृ न (सट ीफ कॉलेज) और काशअ मुगासामी एवं ुबा जे. सैिकया (आयुका) उप थत थे। कायशाला के सम यक गीतांजली सेठी, सट ीफ कॉलेज, िद ी िव िव ालय, वैदेही एस. पािलया, आयुका, पुणे एवं टीम एसीई, आयुका, थे। सट ीफ कॉलेज म खगोलिव ान, खगोलभौितकी एवं ांडिव ान िवषय की कायशाला म सहभागी ितभािगयो ंका सामूिहक छायािच खगोलिव ान , खगोलभौितकी और ांडिव ान पर शै िणक कायशाला: गौहाटी िव िव ालय म संकाय संवधन काय म खगोलिव ान, खगोलभौितकी एवं ांडिव ान पर शै िणक कायशाला का आयोजन मालवीय िमशन िश क िश ण क के िश को ंहेतु खगोलिव ान क , आयुका के सहयोग से आईकाड, गुवाहाटी िव िव ालय (जीयू) ारा 4-10 जनवरी 2024 के दौरान िकया गया। कायशाला के मु उे थे (ए) खगोलिव ान, खगोलभौितकी एवं ांडिव ान म हो रहे िवकास के बारे म महािव ालय और िव िव ालय के िश को ंको अवगत करना (बी) िव िव ालयो ं ारा उनके एनईपी पा मो ंम नए प से ािवत िकए गए खगोलिव ान एवं खगोलभौितकी के पा म सिहत खगोलिव ान के िविभ िवषयो ंकी अ ापन प ितयो ंसे उ प रिचत कराना (सी) कायशाला म िविभ ेो ंके ा ान देने वाले िवशेष ो ंएवं ितभािगयो ंके बीच दीघकािलक शैि क सेतु का िनमाण करना। कायशाला म उ र पूव े एवं िनकटवत रा के िविभ महािव ालयो ंतथा िव िव ालयो ंम गौहाटी िव िव ालय म आयोिजत खगोलिव ान, खगोलभौितकी एवं ांडिव ान िवषय की कायशाला म स िलत ितभािगयो ंका सामूिहक छायािच खगोलिव ान अ ापन तथा अनुसंधान म शािमल 30 ितभागी स िलत ए। कायशाला का उद्घाटन भाषण ो. ुबा जे सैिकया, आयुका ारा िदया गया िजसम वतमानीय गित और ब -संदेशवाहक खगोलिव ान के युग म संभावनाओ ंकी िवृ ती ेणी को शािमल िकया गया था। उसम डॉ. िहरालाल दुओराह, भौितकी, जीयूके सेवािनवृ ोफेसरऔर िव िव ालयके पूव कुलपित िज ोनंे जीयू वेधशाला की थापना की और असम के महािव ालयो ंतथा िव िव ालय म खगोलिव ान प रिचत करवाया।

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