36th Annual Report (2023-24) - HINDI

16 िवषय आधा रत काय समूहो ंकी थापना की ि या म ह। आयुका ने लगभग 24 खगोलिव ान अनुसंधान और िवकास के िलए आयुका क (आईकाड) की थापना की है। इ अ तन पा म संरचनाओ ंऔर नए कार के योग/डेटा िवे षण स ो,ं जो िव िव ालयो ंम ारंिभक या मौजूदा खगोलिव ान पा म का िह ा हो सकते ह, उनके िवकास म योगदान देने के िलए थािपत िकया गया था। आईकाड के नए क ो ंकी थापना के ावो ंके िलए आमं ण ज ही जारी िकया जाएगा और हम उ ीद है िक अिधकआईकाड थािपत िकए जाएंगे, िवशेष प से, उन ेो ंऔर रा ो ंको शािमल िकया जाएगा िजनका वतमान म भौगोिलक प से ितिनिध नही ंिकया गया है। वतमान म आयुका म लाइगो डेटा का िवे षण करने के िलए पूण प से स म ऐसी सारथी नामक एचपीसी सुिवधा है। यह इंटरनैशनल वेव ऑ वटोरी नेटवक (IGWN) के िलएआयुका का योगदान है। आईजीडू एन संगणकीय ोतो ंम का िह ा लगभग 15% है। पेगासस एचपीसी र यह एक स म सुिवधा है िजसे आयुका के सामा उपयोगकताओ ंएवं भारतीय िव िव ालयो ंके शोधकताओ ंके िलए उपल कराई गई है। हम पेगासस की संगणकीय श को 25% तक बढ़ा रहे ह। हमने उपयोग नीित द ावेज भी थािपत िकया है और एचपीसी के कुशल उपयोग को अिधकतम करने के िलए एक समय आवंटन सिमित और उपयोग िनगरानी सिमित का गठन िकया है। आयुका उपयोगकताओ ंकी हर बढ़ती संगणकीय ज रतो ं को समायोिजत करने के िलए एक ब त बड़ी संगणकीय सुिवधा ा करने का यास िकए जा रहे ह। इस वष, दो मुख घटनाओ ंने देश म खगोलिवदो ं का ान आकिषत िकया। इनम से थम भारत सरकार ारा लाइगो-इंिडया प रयोजना का औपचा रक अनुमोदन है। लाइगो- इंिडया प रयोजना को अै ल 2023 म कैिबनेट की मंजूरी िमली और वष 2030 म प रचालन शु होने की उ ीद है। इस प रयोजना का नेतृ चार मुख सं थानो ंारा िकया जा रहा है: िनमाण सेवा और संपदा बंधन िनदेशालय (डीसीएसईएम), मुंबई, ा ा अनुसंधान सं थान (आईपीआर), भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन (ISRO) ारा भारत का पहला सौर िमशन अिद -एल1 का े पण दूसरा मह पूण पाड़ाव है।आयुका ने सौर पराबगनी ितिबंबन दूरबीन (एसयूआईटी) दान करके इस िमशन म मह पूण भूिमका िनभाई है। हम यह जानकर खुशी हो रही है िक दूरबीन ब त अ ा दशन कर रही है और योजना के अनुसार ारंिभक िव ान स ापन और अंशांकन अवलोकन चल रहे ह। आयुका एसयूआईटी उपकरण के िलए पेलोड ऑपरेशन सटर (पीओसी) की मेजबानी कर रहा है। यह पीओसी ए ोसैट पर सीजेडटीआई उपकरण के िलए ए ोसैट िव ान सहायता को (एएसएससी)और पीओसी के संचालन म हम िमले िवशाल अनुभव से लाभा त होगा। इस संबंध म, यह जानकर खुशी हो रही है िक ए ोसैट डेटा का उपयोग करके कािशत प ो ंकी सं ा और ए ोसैट के गत उपयोगकताओ ंकी सं ा इस वष भी बढ़ रही है। िवशेष प से, इनम से लगभग 30% पेपर िव िव ालय े के लेखको ं ारा ु त ह। हम एसयूआईटी उपकरण का उपयोग करके ा डेटा के िलए भी इसी तरह की सफलता ा करनेकी उ ीदकरते ह। आयुका समाज के िविभ वग म खगोल िव ान और खगोल भौितकी का सार जारी रखता है। आयुका के िश को ंहेतुखगोलिव ानक (एसीई) म िश ण अिधगम क ( टीएलसी) , रा ीय संसाधन क , अंतरा ीय खगोल िव ान संघ का गांधीनगर, अंतर-िव िव ालय क खगोल िव ान और खगोल भौितकी क (आयुका), पुणे और राजा रम ा उ त ौ ोिगकी क ( आरआर सीएटी), इंदौर। आयुका इस प रयोजना म मुख िव ान भागीदार है और संगणकीय और डेटा बंधन, मानव संसाधन िवकास, िश ा और जन जाग कता गितिविधयो ंका नेतृ कर रहा है । आयुका पर कमीशिनंग टीम गिठत करने और संचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) चरण के िलए एक िवृ त प रयोजना ाव शु करनेकी िजे दारी भी है , जो लाइगो-इंिडया की ारंिभक िव ान चरणो ंके बाद शु िकया जाएगा। आयुका िव िव ालयो,ं कॉलेजो ंऔर ू लो ंके िश को ं और छा ो ंके साथ-साथ आम जनता के िलए गु ाकषण तरंग िव ान लाने के िलए िविभ गितिविधयो ंकी योजना बना रहा है। खगोल िव ान िश ा कायालय (आईएयू-ओएई) शािमल ह। उनकी गितिविधयो ंने कॉलेजो ंऔर ू लो ंके छा ो ंऔर िश को ंको खगोल िव ान के गितिविधयो ंके सार पर ान कि त कराया । लाइगो-भारत गितिविधयो ंके भाग के प म, आयुका गु ाकषण तरंग िव ान पर ानकि त करते ए िविभ िश ा और सावजिनक गितिविधयो ंके -(ईपीओ) काय मो ंम शािमल है। हमेशा की तरह, िव ान िदवस समारोह के दौरान 8000 से अिधक लोगो ंने आयुका का दौरा िकया है। हमने अलग- अलग आयु के छा ो ंऔर घोडेगांव, िहंगोली और परभणी जैसे दूर-दराज के थानो ंपर रहने वाले छा ो ंका ागत िकया है। इस वष, आयुका ने िविभ आंत रक अनुसंधान गितिविधयो ंको दिशत करने पर ान कि त िकया। आम जनता के िलए िविभ आगामी मेगा- िव ान प रयोजनाओ ंके मॉडल दिशत िकए गए। सभी दशिनयो ंऔर दशनो ंको ब त अ ी तरह से दशाया गया। हमेशा की तरह, आकषण का क “ आ द साइंिट " काय म था, जहां ोफेसर नाल कर और अ लोगो ंने आम जनता के िदलच सवालो ंका उ ाहपूवकजवाब िदया। म आयुका, फू सन कॉलेज और पुणे के अ सं थानो ंके सभी यंसेवको ंको इस काय म को सफल बनाने म उनके योगदान के िलए ध वाद देता ं। म, आयुका के िनदेशक के प म अपने कत ो ं को िनभाने म सहायता करने के िलए आयुका के सद ो ंएवं अपने व र ो ंको ध वाद देना चाहता ं । म अपने परामशदाताओ,ं शासी मंडल के अ के प म डॉ. के कू रीरंगन और हमारे प रषद, अ डॉ. एम. जगदीश कुमार को भी ध वाद देना चाहता ं। िव िव ालय अनुदान आयोग और उसके अिधका रयो ंतथा कमचा रयो ं एवं भारत सरकार के िश ा मं ालय से िमलने वाली सहायता, सलाह और सहयोग के िलए म दयसेआभार करता ं। आर. ीआनंद िनदेशक, आयुका

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